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बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2647
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय -  8

समूह

(Group )

प्रश्न- समूह समग्रता से आप क्या समझते हैं? समूह समग्रता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिये।

अथवा
समूह समग्रता क्या है? सदस्यों पर समूह समग्रता के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
सम्बन्धित लघु प्रश्न
1. समूह समग्रता पर टिप्पणी लिखिए।
2. समूह सम्बद्धता (Group Cohesiveness) पर एक टिप्पणी लिखिए।
3. समूह समग्रता को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिये।
4. समूह समग्रता का सदस्यों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर -

समूह समग्रता का अर्थ
(Meaning and Definition of Group Cohesiveness)

समूह समग्रता समूह की वह स्थिति है जिसके कारण सदस्यों में काफी घनिष्ठता होती है और सदस्य समूह लक्ष्य के प्रति समर्पित रहते हैं। समूह समग्रता से सदस्यों में सक्रियता उत्पन्न होती है, वे अपने कार्य में लगे रहते हैं एवं सदस्य समूह के लाभ के लिये कार्य करते हैं। समग्रता कम होने पर इसके विपरीत व्यवहार करते हैं। समग्रता को सशक्तता भी कहते हैं।

रॉबिन्स (Robins, 1998) के अनुसार, “समग्रता का आशय सदस्यों में पारस्परिक आकर्षण एवं समूह में बने रहने की प्रेरणा की मात्रा से है।

फेल्डमैन (Feldman, 1985) के अनुसार, "समूह समग्रता से तात्पर्य उस सीमा तक समूह के सदस्यों में सदस्य बने रहने की इच्छा से होता है।"

समूह समग्रता की विशेषतायें
(Characteristics of Group Cohesiveness)

गिब्सन (Gibson etc. 1994) ने समूह समग्रता की निम्नलिखित विशेषतायें बतायी हैं -

1. समग्र समूहों में सदस्यों की संख्या कम होती है।
2. सदस्यों की रुचियों तथा स्वभाव में समानता होती है।
3. इनमें सम्प्रेषण को बढ़ावा मिलता है।
4. ऐसे समूहों को समाज में प्रतिष्ठा अधिक मिलती है।
5. ऐसे समूहों को सफलता अधिक मिलती है।

समूह समग्रता को प्रभावित करने वाले कारक
(Factors Influencing Group Cohesiveness)

समूह समग्रता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं

1. समूह लक्ष्य (Group Goals)  - समूह के प्रत्येक सदस्य का समूह लक्ष्य के प्रति एक सामान्य विश्वास होता है। समूह लक्ष्य के अलावा सदस्यों का अपना व्यक्तिगत लक्ष्य भी होता है। जब समूह के लक्ष्य एवं व्यक्तिगत लक्ष्य में संगति होती है तब समग्रता अधिक होती है, परन्तु इसके विपरीत जब समूह लक्ष्य एवं व्यक्तिगत लक्ष्य में असंगति होती है तो समग्रता में कमी आती है।

2. आवश्यकताओं की संतुष्टि (Satisfaction of Needs)  समूह के कुछ सदस्य प्राथमिक होते हैं तथा कुछ सदस्य गौण होते हैं। प्राथमिक समूहों की तुलना में द्वितीयक समूहों में गौण सदस्यों की भूमिका अधिक होती है। समूह प्राथमिक सदस्यों की अधिकतर आवश्यकताओं एवं गौण सदस्यों की कुछ खास-खास आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।

3. सदस्यों में आकर्षकता (Member Atractiveness) - सदस्यों में आकर्षकता का प्रभाव समूह की समग्रता पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता है। यदि समूह अपने लक्ष्य की प्राप्ति नहीं कर पा रहा है, परन्तु सदस्यों में आकर्षकता है तो समूह समग्रता बनी रहती है।

4. समूह की क्रियायें एवं नेतृत्व (Group Activites and Leadership)  समूह द्वारा की जाने वाली क्रियायें ऐसी हैं जिनके प्रति सदस्यों में आकर्षकता होती है तथा जिसे सफलतापूर्वक किया जा रहा है तो ऐसी परिस्थिति में समूह की समग्रता अधिक होगी। समूह की समग्रता समूह के नेता के व्यवहार द्वारा प्रभावित होती है।

समूह समग्रता का प्रभाव
(Effects of Group Cohesiveness)

समूह समग्रता के निम्नलिखित चार महत्वपूर्ण प्रभाव होते हैं -

1. सदस्यता का संपोषण (Maintnance of Membership) : यदि समूह में समग्रता अधिक होगी तो सदस्यों में आकर्षकता होगी जिसके फलस्वरूप सदस्य समूह के सदस्य बने रहेंगे। दूसरी तरफ यदि समूह आकर्षक कम है तो स्वाभाविक है कि सदस्य उस समूह की सदस्यता छोड़ देंगे। थिबौट तथा कैली (Thibaut and Kelley, 1959) ने अपने अध्ययन में देखा कि समूह समग्रता अधिक होने पर भी व्यक्ति उसकी सदस्यता को स्वेच्छा से त्याग देता है बशर्ते कि उसके सामने कोई और आकर्षक विकल्प हो।

2. समूह की उत्पादकता (Productivity of Group) : अध्ययनों में पता चलता है कि समूह की उत्पादकता एवं समग्रता में सीधा सम्बन्ध नहीं है।

3. आत्मसम्मान (Self-esteem ) : यदि समूह में समग्रता अधिक होती है तो सदस्यों में सुरक्षा की भावना अधिक होती है, उनमे चिंता की मात्रा कम होती है। सदस्यों में सहभागिता अधिक होती है तथा सदस्यों का आत्मसम्मान अधिक ऊँचा होता है।

4. सदस्यों पर नियंत्रण (Control over Membrers)- जब समूह में समग्रता अधिक होती है तो समूह के सदस्यों पर प्रभाव एवं नियंत्रण अधिक होता है। समूह की समग्रता कम होने पर ऐसा नहीं होता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान के कार्यक्षेत्र की व्याख्या करें।
  2. प्रश्न- सामाजिक व्यवहार के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
  3. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की परिभाषा दीजिए। इसके अध्ययन की दो महत्वपूर्ण विधियों पर प्रकाश डालिए।
  4. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की प्रयोगात्मक विधि से क्या तात्पर्य है? सामाजिक परिवेश में इस विधि की क्या उपयोगिता है?
  5. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की निरीक्षण विधि का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
  6. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान में सर्वेक्षण विधि के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
  7. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान में क्षेत्र अध्ययन विधि से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकार तथा गुण दोषों पर प्रकाश डालिए।
  8. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान को परिभाषित कीजिए। इसकी प्रयोगात्मक तथा अप्रयोगात्मक विधियों की विवेचना कीजिए।
  9. प्रश्न- अन्तर- सांस्कृतिक शोध विधि क्या है? इसके गुण-दोषों का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की आधुनिक विधियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- सामाजिक व्यवहार के अध्ययन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान के महत्व पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  13. प्रश्न- अर्ध-प्रयोगात्मक विधि का वर्णन कीजिये।
  14. प्रश्न- क्षेत्र अध्ययन विधि तथा प्रयोगशाला प्रयोग विधि का तुलनात्मक अध्ययन कीजिये।
  15. प्रश्न- समाजमिति विधि के गुण-दोष बताइये।
  16. प्रश्न- निरीक्षण विधि पर टिप्पणी लिखिये।
  17. प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण का अर्थ स्पष्ट करते हुए उसके स्वरूप को समझाइए।
  18. प्रश्न- प्रभावांकन के साधन की व्याख्या कीजिए तथा यह किस प्रकार व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण में सहायक है? स्पष्ट कीजिए।
  19. प्रश्न- दूसरे व्यक्तियों के बारे में हमारे मूल्यांकन पर उस व्यक्ति के व्यवहार का क्या प्रभाव पड़ता है? स्पष्ट कीजिए
  20. प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण से आप क्या समझते हैं? यह जन्मजात है या अर्जित? विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- चित्रीकरण करना किसे कहते हैं?
  22. प्रश्न- अवचेतन प्रत्यक्षण किसे कहते हैं?
  23. प्रश्न- सामाजिक प्रत्यक्षण पर संस्कृति का क्या प्रभाव पड़ता है?
  24. प्रश्न- छवि निर्माण किसे कहते हैं?
  25. प्रश्न- आत्म प्रत्यक्षण किसे कहते हैं?
  26. प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षण में प्रत्यक्षणकर्ता के गुणों पर प्रकाश डालिए।
  27. प्रश्न- प्रत्यक्षपरक सुरक्षा किसे कहते हैं?
  28. प्रश्न- सामाजिक अनुभूति क्या है? सामाजिक अनुभूति का विकास कैसे होता है?
  29. प्रश्न- स्कीमा किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार का होता है?
  30. प्रश्न- सामाजिक संज्ञानात्मक के तहत स्कीमा निर्धारण की प्रक्रिया कैसी होती है? व्याख्या कीजिए।
  31. प्रश्न- बर्नार्ड वीनर के गुणारोपण सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- केली के सह परिवर्तन गुणारोपण सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  33. प्रश्न- क्या स्कीमा स्मृति को प्रभावित करता है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
  34. प्रश्न- क्या सामाजिक अनुभूति में सांस्कृतिक मतभेद पाए जाते हैं?
  35. प्रश्न- स्कीम्स (Schemes) तथा स्कीमा (Schema) में क्या अन्तर है? स्पष्ट कीजिए।
  36. प्रश्न- मनोवृत्ति से आप क्या समझते हैं? इसके घटकों को स्पष्ट करते हुए इसकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
  37. प्रश्न- अभिवृत्ति निर्माण की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए अभिवृत्ति में परिवर्तन लाने के उपायों का वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- मनोवृत्ति परिवर्तन में हाईडर के संतुलन सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  39. प्रश्न- संज्ञानात्मक अंसवादिता से आप क्या समझते हैं? फेसटिंगर ने किस तरह से इसके द्वारा मनोवृत्ति परिवर्तन की व्याख्या की?
  40. प्रश्न- मनोवृत्ति की परिभाषा दीजिए। क्या इसका मापन संभव है? अभिवृत्ति मापन की किसी एक विधि की विवेचना कीजिए।
  41. प्रश्न- मनोवृत्ति मापन में लिकर्ट विधि का मूल्यांकन कीजिए।
  42. प्रश्न- मनोवृत्ति मापन में बोगार्डस विधि के महत्व का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- अभिवृत्ति मापन में शब्दार्थ विभेदक मापनी का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- अभिवृत्ति को परिभाषित कीजिए। अभिवृत्ति मापन की विधियों का वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- मनोवृत्ति को परिभाषित कीजिए। मनोवृत्ति के निर्माण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
  46. प्रश्न- अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण क्या है? इसके स्वरूप तथा निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- अभिवृत्ति के क्या कार्य हैं? लिखिए।
  48. प्रश्न- अभिवृत्ति और प्रेरणाओं में अन्तर समझाइये।
  49. प्रश्न- अभिवृत्ति मापन की कठिनाइयों का उल्लेख कीजिए।
  50. प्रश्न- थर्स्टन विधि तथा लिकर्ट विधि का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  51. प्रश्न- उपलब्धि प्रेरक पर प्रकाश डालिए।
  52. प्रश्न- अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण में वैयक्तिक कारकों की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  53. प्रश्न- “अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण होने का एक मुख्य आधार समानता है।" विवेचना कीजिए।
  54. प्रश्न- आक्रामकता को स्पष्ट कीजिए एवं इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- क्या आक्रामकता जन्मजात होती है? एक उपयुक्त सिद्धान्त द्वारा इसकी आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  56. प्रश्न- कुंठा आक्रामकता सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  57. प्रश्न- क्या आक्रामकता सामाजिक रूप से एक सीखा गया व्यवहार होता है? एक उपयुक्त सिद्धान्त द्वारा इसकी आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  58. प्रश्न- आक्रामकता के प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  59. प्रश्न- कुंठा-आक्रामकता सिद्धान्त को बताइए।
  60. प्रश्न- आक्रामकता को उकसाने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिए। अपने उत्तर के पक्ष में प्रयोगात्मक साक्ष्य भी दें।
  61. प्रश्न- मानवीय आक्रामकता के वैयक्तिक तथा सामाजिक निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- समाजोपकारी व्यवहार का अर्थ और इसके निर्धारकों पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- प्रतिसामाजिक व्यवहार का स्वरूप तथा विशेषताएँ बताइये।
  64. प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार के सामाजिक व सांस्कृतिक निर्धारक का वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- परोपकारी व्यवहार को किस प्रकार उन्नत बनाया जा सकता है?
  66. प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार किसे कहते हैं?
  67. प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  68. प्रश्न- अनुरूपता से क्या आशय है? अनुरूपता की प्रमुख विशेषताएँ बताते हुए इसको प्रभावित करने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए।
  69. प्रश्न- अनुरूपता के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  70. प्रश्न- पूर्वाग्रह की उपयुक्त परिभाषा दीजिये तथा इसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। पूर्वाग्रह तथा विभेद में अन्तर बताइये।'
  71. प्रश्न- सामाजिक पूर्वाग्रहों की प्रवृत्ति की संक्षिप्त रूप में विवेचना कीजिए। इसके हानिकारक प्रभावों को किस प्रकार दूर किया जा सकता है? उदाहरण देकर अपने उत्तर की पुष्टि कीजिये।
  72. प्रश्न- पूर्वाग्रह कम करने की तकनीकें बताइए।
  73. प्रश्न- पूर्वाग्रह से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताओं एवं स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- आज्ञापालन (Obedience) पर टिप्पणी लिखिये।
  75. प्रश्न- दर्शक प्रभाव किसे कहते हैं?
  76. प्रश्न- पूर्वाग्रह की प्रकृति एवं इसके संघटकों की विवेचना कीजिए।
  77. प्रश्न- पूर्वाग्रह के प्रमुख प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- पूर्वाग्रह के नकारात्मक प्रभाव का वर्णन कीजिये।
  79. प्रश्न- पूर्वाग्रह के विकास और सम्पोषण में निहित प्रमुख संज्ञानात्मक कारकों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- पूर्वाग्रह एवं विभेदन को कम करने के लिये कुछ कार्यक्रमों की व्याख्या कीजिए।
  81. प्रश्न- समूह समग्रता से आप क्या समझते हैं? समूह समग्रता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिये।
  82. प्रश्न- समूह मानदंड क्या है? यह किस प्रकार से समूह के लिए कार्य करते हैं?
  83. प्रश्न- समूह भूमिका किस प्रकार अपने सदस्यों के लिए कार्य करती है? स्पष्ट कीजिए।
  84. प्रश्न- निवैयक्तिकता से आप क्या समझते हैं? प्रयोगात्मक अध्ययनों से निवैयक्तिकता की प्रक्रिया पर किस तरह का प्रकाश पड़ता है?
  85. प्रश्न- “सामाजिक सरलीकरण समूह प्रभाव का प्रमुख साधन है। व्याख्या कीजिए।
  86. प्रश्न- “निर्वैयक्तिता में व्यक्ति अपनी आत्म- अवगतता खो देता है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  87. प्रश्न- समूह के प्रकार बताइये।
  88. प्रश्न- सामाजिक श्रमावनयन से आप क्या समझते हैं? इसके कारणों का उल्लेख कीजिए और इसे किस तरह से कम किया जा सकता है? विवेचना कीजिए।
  89. प्रश्न- आज्ञापालन (Obedience) पर टिप्पणी लिखिये।
  90. प्रश्न- समूह निर्णय पर टिप्पणी लिखिये।
  91. प्रश्न- सामाजिक श्रमावनयन पर टिप्पणी लिखिये।
  92. प्रश्न- समूह की संरचना पर टिप्पणी लिखिये।

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